मात्रक एंव विमा से क्या समझते है

मात्रक एंव विमा :  इस पोस्ट में हमने, हमारे जीवन में मात्रक कितना जरुरी है । इसके लिए ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिस किये है । यदि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके मन में किसी भी प्रकार की कोई सुझाव या सलाह हो तो कमेंट के द्वारा बताना । इसका अपडेट हम जल्द से जल्द देने की कोशिस करेंगे ।  

इस दुनिया में जितनी वस्तु को देख रहे है । सभी को मापने के लिए एक विशेष मात्रक की आवशकता होती है । चाहे किसी भी प्रकार की मात्रक क्यों न हो । और उस मात्रक को दुनिया के सभी आदमी को मानना पड़ता है ।

मात्रकों की पद्धतियाँ:

मात्रको की पद्धतियाँ निम्नलिखित है :-

(a) फुट- पाउंड- सेकंड पद्धति :-  इस पद्धति को संक्षेप में  fps पद्धति भी कहाँ जाता है । इस प्रकार के पद्धति में लम्बाई को फुट में, द्रव्यमान का मात्रक पाउंड तथा समय का मात्रक सेकंड होता है । इस प्रकार के पद्धति को ब्रिटिश पद्धति भी कहाँ जाता है ।

(b) सेंटीमीटर ग्राम सेकंड पद्धति :-  इस पद्धति को संक्षेप में cgs  पद्धति भी कहाँ जाता है । इस पद्धति में लम्बाई का मात्रक सेंटीमीटर, द्रव्यमान का मात्रक ग्राम तथा समय का मात्रक सेकंड होता है । इस पद्धति को मीटर पद्धति भी कहाँ जाता है ।

(c) मीटर किलोग्राम सेकंड पद्धति :- इस पद्धति को संक्षेप में mks पद्धति भी कहाँ जाता है । इसमें लम्बाई का मात्रक मीटर, द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम तथा समय का मात्रक सेकंड होता है । इस पद्धति को  rmksa पद्धति भी कहाँ जाता है ।

SI मात्रक से क्या समझते है :

सन 1960 ईसवी में माप एंव तौल के लिए एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन हुई थी । जिसमें मात्रकों की अंतराष्ट्रीय पद्धति की सिफारिस की । जिसे संक्षेप में SI यूनिट कहते है । सन 1970 ईसवी में सातवाँ आधारी मात्रक मोल को जोड़ा गया है । यदि कोई  विद्युत प्रतिरोध का एस आई मात्रक लिखिए कहता है । तो इसका एस आई मात्रक ओम होता है ।

आधारी तथा व्युत्पन्न मात्रक : 

आधारी मात्रक : वैसा मात्रक जो किसी अन्य पर नहीं करता हो इस प्रकार के मात्रक को आधारी मात्रक कहाँ जाता है । यह मात्रक हमेशा एक दूसरे से स्वतंत्र होता है । इसमें द्रव्यमान,लम्बाई तथा समय इत्यादि सात मूल भौतिक राशियाँ है । इस प्रकार के सभी मात्रक को आधारी मात्रक तथा मूल मात्रक भी कहाँ जाता है ।

व्युत्पन्न मात्रक:  वैसा मात्रक जो आधारी मात्रक पर निर्भर करता है । अर्थात जिसे मापने के लिए आधारी मात्रकों के पदों में व्यक्त किया जाये इस प्रकार के मात्रक को व्युत्पन्न मात्रक कहाँ जाता है । इसका उदाहरण क्षेत्रफल, आयतन है । क्योंकि यह लम्बाई तथा चौड़ाई पर निर्भर रहता  है । 

मात्रक एंव विमा :आधारी SI मात्रक 

आधारी SI मात्रक अर्थात si मात्रक सूची निम्न है :-

क्रम संख्या भौतिक राशि SI मात्रक SI मात्रक के लिए संकेत
1. लम्बाई मीटर m
2. द्रव्यमान किलोग्राम kg
3. समय सेकंड s
4. ऊष्मागतिक ताप केल्विन k
5. विधुत धारा एम्पियर a
6. ज्योति त्रीवता कैंडेला cd
7. पदार्थ का परिमाण मोल mol

SI मात्रक का गुण:

SI मात्रक का गुण निम्नलिखित है :-

(i) si मात्रक का क्षेत्र बहुत ही व्यापक अर्थात विस्तार है । यह मात्रक पुरे दुनिया में विज्ञान तथा शिल्पविज्ञान की सभी सखाओं के लिए उपयुक्त है ।

(ii) यह मात्रक निरपेक्ष होता है ।

(iii) इसमें आधारी मात्रकों की संख्या न्यूनतम होता है । जो काफी सुविधाजनक होता है ।

(iv) इसमें सभी व्युत्पन्न मात्रकों को बिना गुना किये संख्यात्मक गुणांक अथवा स्वच्छ नियतांक के उपयोग से आधारी मात्रक प्राप्त किया जाता है ।

(v) SI मात्रकों में दशमिक प्रणाली का उपयोग अर्थात इसे 10 की घातो पर आधारित होने के कारण । इस प्रकार के पद्धति में रूपांतरण अत्यंत सुगम तथा सुविधाजनक होता है ।

(vi) जितने भी व्युत्पन्न मात्रक है । सभी का नाम अंतराष्ट्रीय स्तर पर पूर्ण रूप से मान्य है ।

सामान्य रूप में उपयोग होने वाली मात्रक :

क्रम संख्या भौतिक राशि उपयोग की जाने वाली मात्रक प्रतीक SI मात्रक के पदों में मान 
1. समय मिनट/घंटा /दिन/वर्ष m/h/d/y 60s/ 60m/24h/365.25d
2. कोण डिग्री . rad
3. आयतन लीटर L आयतन
4. द्रव्यमान टन/ कैरेट / क्विंटल t/c/q/ kg/mg
5. क्षेत्रफल बार्न/ आर / हेक्टेयर b/a/ha वर्गमीटर
6. दुरी प्रकाश वर्ष 1.y मीटर
7. रेडिओएक्टिवता क्यूरी ci प्रति सेकंड
8. विकिरण उद्भासन  रोंजन r प्रति किलोग्राम
9. दाब मानक वायुमंडलीय दाब / बार bar pa

मात्रक एंव विमा: व्युत्पन्न S.I मात्रक 

व्युत्पन्न भौतिक राशि का SI मात्रक निम्लिखित प्रकार से निकाल सकते है :-

(i) वेग= विस्थापन/ समय

वेग का मात्रक = विस्थापन का मात्रक / समय का मात्रक

मीटर(m)/सेकंड(s)

(ii) त्वरण =  वेग में परिवर्तन / समयांतराल

त्वरण  का  मात्रक = वेग में परिवर्तन का मात्रक / समय का मात्रक

(iii) बल= द्रव्यमान X त्वरण

बल का मात्रक = द्रव्यमान का मात्रक X त्वरण का मात्रक

इसे न्यूटन भी कहाँ जाता है । इसे N से  सूचित किया जाता है ।

(iv) कार्य= बल X विस्थापन

कार्य  का मात्रक = बल का मात्रक X विस्थापन का मात्रक

इसे जूल भी कहाँ जाता है । इसे J से सूचित किया जाता है ।

(v) शक्ति = कार्य/ समय

शक्ति का मात्रक = कार्य का मात्रक / समय का मात्रक

जूल / समय

इसे वाट भी कहाँ जाता है । इसका संकेत w होता है

निष्कर्ष : दोस्तों इस पोस्ट में हमने मात्रक, मात्रक की पद्धति, SI मात्रक, SI मात्रक का गुण, व्युत्पन SI मात्रक इत्यादि के बारे में बताने की कोशिस किये है । यदि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद किसी भी प्रकार की प्रश्न पूछने की इक्षा होती है । तो कमेंट के माध्यम से हमसे प्रश्न पूछे ।

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