amiba । अमीबा क्या है,अमीबा के लक्षण एंव वर्गीकरण

amiba (अमीबा क्या है ):  यह एक प्रकार का परजीवी है । जो बहुत ही सूक्षम होता है । जब हम भोजन करते समय, अच्छी तरह से हाथ नहीं धोते है । तो यह परजीवी भोजन के साथ- साथ यह परजीवी भी पेट में जाता है । जो लिवर एंव आंत को काफी नुकसान पहुँचाता है । इसी तरह जब हम खाना बनाते समय भी शुद्धता नहीं रखते है । तो भी यह पेट में जाकर काफी नुकसान पहुँचाता है ।

इस बात की पूर्ण खुलासा माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अनुसन्धान, जो जोधपुर के एम्स में है । वहाँ इस बात की पुष्टि हुई थी । यदि दुनिया में कुल कितने अमीबा की बात आती है । तो दुनिया में कुल अमीबा जीन्स के पाँच प्रजातिया है ।

amiba :अमीबा की परिभाषा 

 यह एककोशिकीय जीव होता है । यह जीव संघ प्रोटोजोआ के अंतर्गत आता है । जो बहुत ही सूक्षम होता है । जिसे नग्न आँखो से नहीं देखा जा सकता है । इसे देखने के लिए सूक्षमदर्शी के  द्वारा देखा जा सकता है । amiba ka chitra की बात की जाये तो अमीबा का चित्र का कोई आकार नहीं होता है । यह अनियमित आकार का होता है । picture of amiba अर्थात amiba ka photo इस पोस्ट के ऊपर में जो फोटो है । वह अमीबा का ही पिक्चर है । 

सूक्षमदर्शी से देखने पर रंग एंव आकार : 

अमीबा को सूक्षमदर्शी से देखने पर, इसका रंग पारदर्शी दिखाई देता है। यह जेली के सामान होता है । क्योंकि इसकी  रूप अनियमित आकार की होती है।

यह एक रोग कारक परजीवी भी है । जो विभिन्न प्रकार के रोग, जीव एंव वनस्पतिओं में उत्पन्न करता है ।

अमीबा की खोज :  amiba ki khoj kisne ki, इसकी खोज 1755 ईसवी में हुई थी । जो व्यक्ति खोज किया था । उसका नाम रसेल बोन रोशेनहॉफ  ने किया था ।  तथा इसका नाम लघु प्रोटिओस था।

अमीबा का प्रजनन  :

अमीबा प्रजनन निम्न प्रक्रिया द्वारा करता है :-

(i) यह अमीबा बाइनरी विखंडन द्वारा प्रजनन करता है ।

(ii) अमीबा एक कोशिकीय जिव होता है । जो अपने आकार को आवश्कता अनुसार अदल- बदल सकता है ।

(iii) बाइनरी विखंडन आमतौर पर अनुकूल परिश्थितिओं, यदि प्रचुर मात्रा में खाद्य सामग्री रहता है । उस दौरान जीवित जीवों द्वारा किया जाता है । 

(iv) युग्लीना अनुदैर्ध्य द्विविभाजन  प्रक्रिया द्वारा उत्पन्न होता है। जबकि पैरामीशियम अनुप्रस्थ बाइनरी विखंडन द्वारा विभाजित होता है ।

अमीबा परजीवी मनुष्य के लिए घातक :

एमीबाइसिस नामक बीमारी, हिस्टोलिका परजीवी  मनुष्य के लिए सबसे अधिक घातक सिद्ध होते जा रहा है । इस प्रकार के बीमारी का उत्पन्न होने का मुख्य कारण यह है । साफ- सफाई पर ध्यान न देना , दूषित भोजन करना , कूड़ा कचरा जहाँ तहा फेंकना, पानी और गंदे जगह मल मूत्र त्यागने से इत्यादि वगैरह इस बीमारी का मुख्य कारण है । यदि समय से इस बीमारी का इलाज नहीं होता है । तो जान तक भी जा सकती है ।   

अमीबा के संक्रमण से दिमाग के उत्तको की नुकसान :

अमीबा, ब्रेन में सूंघने वाली तंत्रिका के जरिये अंदर घुस जाता है । दिमाग के उत्तको में प्रवेश करने के बाद, उन उत्तक को क्षतिग्रस्त कर देता है ।  सीडीएसी का कहना है, नेगरिया फाउलेरी से जब पानी दूषित हो जाता है । तो इस पानी को पीकर इस प्रकार की संक्रमण नहीं हो सकता है । क्योंकि अमीबा केवल 45 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी को सहन कर सकता है । अर्थात 45 डिग्री गर्म पानी में ही अमीबा पनपता है।

16 दिसम्बर को इमरजिंग इंफेक्सियस डिजीज पत्रिका, जो प्रकाशित किया गया था । उसमे शोधकर्ताओं ने नेग्लरीया फाउलेरी का अमेरिकी मामलो द्वारा अध्यन्न किया गया । और उसमे पाया गया की इसका सम्बन्ध नदी, तालाब तथा झील से है ।

अमीबा का वर्गीकरण(amiba ka classification in hindi):

अमीबा का वर्गीकरण निम्न भागों में किया गया है :-

1.        फाइलम ( Phylum )              प्रोटोजोआ ( Protozoa )
2.     सब-फाइलम ( Subphylum )       प्लाज्मोड्रोमा ( Plasmodroma )
3.       वर्ग ( Class )          राइजोपोडा ( Rhizopoda )
4.       गण ( Order )          लोबोसा ( Lobosa )
5.       वंश ( Genus )         अमीबा ( Amoeba )
6.       जाति ( Species )          प्रोटीयस ( Proteus )

अमीबा के सामान्य लक्षण :

अमीबा के सामान्य लक्षण निम्न है :-

(i) अमीबा एक प्रकार का सरल जिव है । यह संघ प्रोटोजोआ के अंतर्गत आता है । 

(ii) यह स्वच्छ जल, नदी, नाले, झरने तथा पोखरे तथा सभी जगह पर पाया जाता है ।

(iii) यह प्रोटोजोआ ग्रुप का ऐसा प्राणी है । जिसका शरीर नग्न एंव अनियमित होता है ।

(iv) इस जंतु में दो प्रकार का पोषण पाया जाता है । प्राणी समभोजी पोषण तथा पादप समभोजी पोषण 

(v)  अमीबा का  अलैंगिक जनन बहुखंडन एंव  द्विखंडन के क्रिया द्वारा ही  होता है ।

अमीबा की विशेषताएँ : 

अमीबा जलीय वातावरण( झीलों, नदियाँ, पोखरा ) एंव अन्य स्थलीय तथा अन्य जीवित प्राणीओं जैसे जीवों के जीवों में रहते है । यह बहुत ही खतरनाक से खतरनाक बीमारी को उत्पन्न करता है । इसके  शरीर  का कोई  भी आकार  नहीं  आता  है । इसका शरीर जिलेटिनस पदार्थ का बना होता है ।

अमीबा का भोजन :

अमीबा भोजन के लिए फागोसाइटोसिस प्रणाली पर फीड करता है । अमीबा भोजन को लपेटने के लिए झूठे पैर का उपयोग करता है । इसमें भोजन, अमीबा के अंदर एक थैली में पचता है ।

अमीबा से होने वाला रोग :

अमीबा से निम्न प्रकार की रोग उत्पन्न होती है :-

एमीबाइसिस एक प्रकार की ऐसी बीमारी है । जो अमीबा के कारण ही होती है । इस प्रकार की बीमारी के अमीबा का नाम एंटेमीबा हिस्टॉलिटिका है । यह अमीबा जीव- जन्तुओं तथा मनुष्य में निम्न भागों द्वारा प्रवेश कर जाता है । जैसे की गन्दा पानी पिने से, दूषित भोजन करने से एंव दूषित जगह पर स्नान करने से इस प्रकार की रोग उत्पन्न होती है ।

यह अमीबा सीधे हमारे आहार नाल में पहुँचता है । आहारनाल में पहुँचकर आंतो को प्रभावित करता है । जिसके कारण तरह- तरह का दुष्परिणाम देखने को मिलता है । जैसे की मनुष्य को बेचैनी होना, पतले- पतले दस्त होना, शरीर में पानी की कमी हो जाना । कभी काल अमीबा आंत के दीवारों में छेद कर देता है । उसके बाद रक्त में प्रवेश कर जाता है । जिससे भयानक बीमारी का रूप धारण कर लेता है ।

अमीबा द्वारा बहुत प्रकार के रोग उत्पन्न होते है । जिसमे से कुछ इलाज का अभी तक कोई सफल इलाज नहीं है । 

निष्कर्ष : दोस्तों इस पोस्ट में हमने अमीबा, amiba, amiba kya hai, अमीबा क्या है , अमीबा के द्वारा किस प्रकार की बीमारी उत्पन्न होती है । तथा इसके साथ- साथ अमीबा से सम्बंधित ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिस किये है । यदि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद किसी भी प्रकार की क्वेश्चन आपके मन में आती है । तो निसंकोच हमसे कमेंट के माध्यम सम्पर्क करे ।

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