अवतल दर्पण(concave mirror in hindi) : अवतल दर्पण में प्रतिबिम्ब की स्थिति

अवतल दर्पण (concave mirror in hindi):-  यह लेंस उत्तल लेंस का विपरीत काम करता है । क्योंकि उत्तल लेंस बिच में मोटा होता है । दोनों किनारे पतला होता है । उत्तल लेंस  में मुख्य अक्ष के समान्तर  जीतनी भी किरणे आती है । सभी किरण मुख्य अक्ष के फोकस से गुजर जाती है । … Read more

सरल रेखा तथा समतल में कण की गति

सरल-रेखा-तथा-समतल-में-कण-की-गति

इस पोस्ट में हमने सरल रेखा तथा समतल में कण की गति इत्यादि के बारे में बताने की कोशिस किये है । यदि पोस्ट को पढ़ने के बाद किसी भी प्रकार की राय तथा सुझाव हो तो कमेंट के माध्यम से राय तथा सुझाव देने की कोशिस करे । उसका हम अपडेट जल्द देने की … Read more

चाल और वेग, चाल एंव वेग में अंतर

चाल-और-वेग

चाल और वेग,वेग: किसी वस्तु के विस्थापन की दर को वेग या किसी वस्तु द्वारा जो निश्चित दिशा में तय किया गया दुरी होता है । वह वेग के अंतर्गत आता है । वेग कौन सी राशि है । तो इसका जवाब होगा की वेग एक सदिश राशि है । जिसका S.I मात्रक मीटर प्रति … Read more

उत्तल लेंस तथा उत्तल लेंस में प्रतिबिम्ब की स्थिति

उत्तल-लेंस

उत्तल लेंस:  जब किसी व्यक्ति को कोई सूक्षम काम करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है । उसे लेंस का सहारा लेना परता है । अर्थात किसी लिखावट को पढ़ने के समय, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स को ठीक करने के लिए भी लेंस का सहारा लेना पड़ता है । क्योंकि जब इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स को ठीक … Read more

विधुत धारा किसे कहते हैं: विधुत धारा से सम्बंधित नियम

विधुत-धारा-किसे-कहते-हैं

विधुत धारा किसे कहते हैं:  आवेश की प्रवाह की दर को विधुत धारा कहाँ जाता है । जब किसी चालक तार द्वारा आवेश का प्रवाह होता है । उसके बाद ही कोई भी काम बिजली पर हो पाता  है । जब तक किसी चालक तार से आवेश का परवाह नहीं होता है । तब तक हम … Read more

उत्तल दर्पण : उत्तल दर्पण का उपयोग

उत्तल दर्पण

उत्तल दर्पण तथा इस दर्पण का उपयोग : दर्पण:- दर्पण एक ओर से पेंट की हुई रहती है । तथा दूसरी तरफ से बिना पेंट का ही रहता है । दर्पण का प्रकार निम्न है । जो निचे दिया गया है । दर्पण दो प्रकार के होते है :- (i) समतल दर्पण  (ii) गोलीय दर्पण … Read more

laws of refraction of light:प्रकाश के अपवर्तन के नियम

laws-of-refraction-of-light

laws of refraction of light प्रकाश: यह एक प्रकार की ऊर्जा होती है । इस ऊर्जा के द्वारा किसी भी प्रकार की वस्तु को बहुत ही आसानी पूर्वक देख सकते है ।  प्रकाश  के आभाव में हमलोग किसी भी वस्तु को नहीं देख सकते है । किरण : प्रकाश की वैसी भाग जो सीधी रेखा … Read more

गति के प्रकार : तथा गति के प्रकार का वर्णन

गति-के-प्रकार

गति :- जब कोई वस्तु किसी स्थान पर स्थिर है । और वह वस्तु उसी स्थान पर स्थिर रहता है । तो उसे विराम में समझा जाता है । तथा यदि समय बदलने के साथ- साथ उनके स्थिति में भी परिवर्तन होता है । तो वह गति में उस वस्तु को कहाँ जाता है । … Read more

बल और गति के नियम तथा बलों की मूल अवधारणा

बल-और-गति-के-नियम

बल और गति के नियम अन्योन्य क्रियाएँ एंव बल की अनुभूति :  दो कणों के बीच आकर्षण- विकर्षण तथा क्रिया- प्रतिक्रिया के रूप में जो बल लगता है । वह बल अन्योन्य क्रिया कहलाता है । इस प्रकृति में जितने भी घटनाएँ होती है । वह अन्योन्य क्रिया के आधार पर ही होती है । … Read more

बैटरी एंव सेल से क्या समझते है: विधुत धारा

सेल-एंव-बैटरी

सेल एंव बैटरी :  यह एक प्रकार का ऐसा युक्ति होती है । जिसके अंदर हो रहे रासायनिक अभिक्रियाएँ द्वारा सेल के दोनों एलेक्ट्रोडो के बीच विभवांतर बनाये रखती है । सेलो के अंदर विभवांतर बनाये रखने के लिए यह सबसे सरल विधि है । वोल्टीय सेल : सर्वप्रथम इटली के वैज्ञानिक 1796 ईसवी में, … Read more