dhatu kise kahate hain (धातु किसे कहते है) : वैसा तत्व जिसमे चमक हो, तथा जो तत्व आघातवर्धनीय हो । जिसकी तनन क्षमता अधिक से अधिक हो । जो ऊष्मा एंव विधुत का सुचालक हो । जो केवल ठोस अवस्था में पाया जाता है । वह धातु कहलाता है । इसका कुछ उदाहरण बताने की नीचे प्रयास करता हूँ । जैसे की सोडियम, पोटैशियम, लोहा तथा ताँबा धातु , dhatu kise kahate hain का मुख्य उदाहरण है ।
धातु की दूसरी परिभाषा :
वैसा तत्व जिसके पास, रासायनिक अभिक्रिया के दौरान इलेक्ट्रॉनों को तैयागकर हमेशा धनायन रखने की क्षमता होती है । वह धातु कहलाती है । धातु को हमेशा धन विधुत तत्व के नाम से भी जाना जाता है । धातु का घनत्व अधिक होता है । एंव धातु में विधुत सुचालक गुण पाया जाता है ।
धातु का गुण :
धातु के गुण के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी, नीचे बताने की कोशिस कर रहा हूँ :-
(i) | सभी प्रकार के धातु चमकीले होते है । तथा धातु में चमक वाली गुण को धातुई चमक कहते है । |
(ii) | धातुओं की घनत्व उच्च होती है । |
(iii) | सभी प्रकार के धातुएँ, उष्मा एंव विधुत के सुचालक होता है । |
(iv) | धातुएँ कठोर होती है । |
(v) | धातु के क्वथनांक एंव गलनांक उच्च होता है । |
(vi) | जब धातु को हथौड़े से पीटा जाता है । तो एक प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है । जिस ध्वनि को धातुई ध्वनि कहते है । |
(vii) | धातु हमेशा विधुत धनावेशी होता है । |
धातु का उपयोग :
धातुओं का उपयोग विभिन्न कार्यो में किया जाता है :-
(i) धातु का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है । जैसे की सोना, चाँदी इत्यादि धातु का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है ।
(ii) इसका उपयोग घर बनाने में किया जाता है । यदि नया घर बनाते है । उसमें ग्रिल, खिड़की, छड़ इत्यादि की जरुरत परती है । जो लोहा धातु से ही तैयार किया जाता है ।
(iii) धातु का उपयोग विभिन्न प्रकार के बर्तन बनाने में किया जाता है । जैसे की लोहा का बर्तन, पीतल का बर्तन एंव तांबे का बर्तन इत्यादि में धातु का उपयोग किया जाता है ।
(iv) धातु का उपयोग कल कारखानें इत्यादि में किया जाता है ।
(v) इसका उपयोग मशीन बनाने में किया जाता है ।
(vi) यातायात साधनों में भी dhatu का उपयोग किया जाता है । इसके साथ- साथ हमारे जीवन में बहुत तरह से धातु की जरुरत परती है ।
50 धातु का नाम :
50 धातु का नाम निम्न है, इन धातु के नाम की जानकारी से धातु को पहचानेंगे में सुविधा होगी ।
1. क्रोमियम | 26. लिथियम |
2. मैग्नीज | 27. बेरिलियम |
3. आयरन | 28. सोडियम |
4. कोबाल्ट | 29. मैग्नीशियम |
5. निकिल | 30. एलुमिनियम |
6. तांबा | 31. पोटेशियम |
7. जिंक | 32. कैल्शियम |
8. गैलियम | 33. स्टेडियम |
9. मीडियम | 34. टाइटेनियम |
10. स्ट्रोंटीअम | 35. वैनेडियम |
11. Yettrium | 36. जीरकोनियम |
12. Technetium | 37. नाइओबियम |
13. Ruthenium | 38. मॉलिब्डेनम |
14. Rhodium | 39. पैलेडियम |
15. Indium | 40. सिल्वर |
16. Tin | 41. कैडमियम |
17. Cesium | 42. बेरियम |
18. Lanthanum | 43. प्लूटोनियम |
19. Praseodymium | 44. इरीडियम |
20. Neodymium | 45.प्लेटिनम |
21. Promethium | 46. गोल्ड |
22. Samarium | 47. मरकरी |
23. Europium | 48. लेड |
24. Gadolinium | 49. रेडियम |
25. Terbium | 50. यूरेनियम |
धातु का अपवाद :
पारा जिसका दूसरा नाम मरकरी है । यह भी एक धातु है । परन्तु कम ताप पर ही यह द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाता है । धातु कठोर होती है । लेकिन सोडियम काफी लचीला होता है । जिसे काटा भी जा सकता है ।
धातु एंव अधातु के रासायनिक गुण:
धातु या अधातु किसी पदार्थ से अभिक्रिया करके अपना गुण दिखाती है:-
धातु :- यह इलेक्ट्रान त्याग करके धन आयन बनाता है । तथा यह अभिक्रिया के दौरान अपचायक का भूमिका निभाता है । इसका ऑक्साइड क्षारीय होता है । इसके साथ- साथ यह अम्लों के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस मुक्त करती है । धातु क्लोरीन के साथ अभिक्रिया करता है । तो विद्युत संयोजी बंध का निर्माण करता है ।
अधातु :- यह इलेक्ट्रान को ग्रहण करके ऋणायन का निर्माण करता है । तथा यह रासायनिक अभिक्रिया के दौरान ऑक्सीकारक की तरह काम करता है । इसका ऑक्साइड अम्लीय होता है । परन्तु अधातु अम्ल के साथ अभिक्रिया नहीं करता है । तथा यह क्लोरीन के साथ अभिक्रिया करके सहसंयोजक-बंध बनाता है ।
धातु तथा अधातु में अंतर:
धातु एंव अधातु में निम्न अंतर है:-
धातु | अधातु |
1. धातु के ऑक्साइड क्षारीय होते है । | 1. अधातु के ऑक्साइड अम्लीय होते है । |
2. यह हमेशा ठोस अवस्था में मिलता है । | 2. यह ठोस, द्रव तथा गैस तीनों प्रकार के अवस्था में मिलता है । |
3. सभी प्रकार का धातु अपारदर्शी होता है । | 3. यह पारदर्शी, अपारदर्शी तथा परभाषी तीनों अवस्था में पाया जाता है । |
4. धातु विधुत तथा ऊष्मा के सुचालक होता है । | 4. अधातु, विधुत, तथा ऊष्मा का कुचालक होता है . |
5. इसमें एक विशेष प्रकार की चमक होती है । | 5. इसमें चमक नहीं पाया जाता है । |
6. धातु आपस में मिलकर मिश्रधातु का निर्माण करती है । | 6. यह आपस में मिलकर मिश्रधातु का निर्माण नहीं करता है । |
7. इसमें गलनांक तथा क्वथनांक काफी उच्च होता है । | 7. इसका गलनांक एंव क्वथनांक काफी निम्न होता है । |
8. धातु आघातवर्धनीय तथा तन्य होता है । | 8. अधातु भंगुर होता है । |
मिश्रधातु की जानकारी :
दो या दो से अधिक धातुओं के मिलावट से समांगी मिश्रण तैयार किया जाता है । जिसे मिश्रधातु कहाँ जाता है । एक धातु तथा दूसरा अधातु के समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहाँ जाता है । मिश्रधातु का कुछ उदाहरण बताने की कोशिस कर रहा हूँ । इसका उदाहरण पीतल कांसा एंव स्टेनलेस स्टील इत्यादि है ।
मिश्रधातु बनाने का उद्देश्य :
मिश्रधातु बनाने का निम्न उद्देश्य है:-
(i) कठोरता बढ़ाने के लिए:- लोहे में कार्बन धातु मिलाकर स्टेनलेस स्टील बनाया जाता है । यह मिश्रधातु लोहे से भी अधिक कठोर होता है
(ii) ध्वनि उत्पन्न करने के लिए :- तांबे तथा कलई से बनाने वाला मिश्रधातु बैलमेटल होती है । जिससे अधिक ध्वनि उत्पन्न होती है ।
(iii) रंग परिवर्तन के लिए :- तांबे तथा एल्मुनियम से बनी एल्मुनियम बांज, मिश्रधातु का रंग होता है ।
(iv) घरेलू उपयोग:- घरों, कारखानों, दफ्तरों इत्यादि सभी जगहों में मिश्रधातु का प्रयोग किया जाता है ।
निष्कर्ष : दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट में धातु की जानकारी,dhatu kise kahate hain,धातु का परिभाषा, धातु का गुण, धातु का उपयोग, 50 धातु का नाम, धातु का अपवाद, मिश्रधातु की जानकारी इत्यादि के बारे में बताने की कोशिस किये है । यदि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद किसी भी तरह की क्वेश्चन बनती है । तो निसंकोच हमसे कमेंट के माध्यम से संपर्क करे । उस क्वेश्चन का रिप्लाई हम जल्द से जल्द देने की कोशिस करेंगे ।
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