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padarth kise kahate hain। पदार्थ किसे कहते है । पदार्थो का वर्गीकरण

padarth kise kahate hain(पदार्थ किसे कहते हैं):

पदार्थ को वस्तुओं और उपादानों को कहा जाता है जो दृश्यमान और अदृश्यमान सभी वास्तविकताओं को संदर्भित करते हैं। यह वास्तविक और भौतिक सत्ताओं से बने होते हैं और वस्तुओं की स्वभाविक गुणवत्ता और विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं। पदार्थ का उपयोग वस्तुओं को वर्णन, विश्लेषण और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए किया जाता है।

पदार्थ शारीरिक और रसायनिक संरचना से मिलकर बनते हैं और अणु, मोलेक्यूल, द्रव्य, खनिज, गैस, पानी, पौधों, पशुओं, मनुष्यों, और अन्य वस्तुओं को सम्मिलित कर सकते हैं। पदार्थों के प्रकार विभिन्न हो सकते हैं जैसे कि तत्व, मिश्रण, यौगिक, अणु, धातु, रसायन यौगिक, आदि।

पदार्थ विज्ञान उनके गुण, संरचना, प्रकृति और उपयोग का अध्ययन करता है। इससे हम वस्तुओं की समझ में सुधार कर सकते हैं, नई वस्तुओं की खोज कर सकते हैं और उनका उपयोग और उत्पादन सुरक्षित और उन्नत तरीकों से कर सकते हैं।

पदार्थ (padarth) का वर्गीकरण :   

पदार्थों का वर्गीकरण विभिन्न तरीकों में किया जा सकता है, जिससे उन्हें उनकी सामान्य गुणवत्ता, संरचना और प्रकृति के आधार पर समूहों में विभाजित किया जा सकता है। निम्नलिखित कुछ प्रमुख पदार्थों के वर्गीकरण विधिमान्य हैं:

  1. अयास्क (Inorganic) पदार्थ: यह वर्ग उन पदार्थों को सम्मिलित करता है जो कार्बन को नहीं सम्मिलित करते हैं, जैसे कि खनिज, धातुएं, अदात, गैसेस, और अणुओं।
  2. आयास्क (Organic) पदार्थ: यह वर्ग कार्बन सम्मिलित पदार्थों को सम्मिलित करता है, जैसे कि अणु, मोलेक्यूल, और उनके विभिन्न संयोजन। ये पदार्थ आमतौर पर जीवित जीवों और जीवाणुओं में पाए जाते हैं।
  3. रसायनिक (Chemical) पदार्थ: यह वर्ग उन पदार्थों को सम्मिलित करता है जो रासायनिक प्रतिक्रियाओं में शामिल होते हैं और जो एक या अधिक अणुओं से मिलकर बनते हैं। इसमें अणु, यौगिक, और मिश्रण शामिल हो सकते हैं।
  4. जैविक (Biological) पदार्थ: यह वर्ग उन पदार्थों को सम्मिलित करता है जो जीवित जीवों द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं, जैसे कि पौधों, पशुओं, माइक्रोबियल संयोजन, और जीवाणुओं से निकलने वाले उत्पाद।

पदार्थ के वर्गीकरण से हमें पदार्थों की सामान्य गुणवत्ता, रसायनिक प्रतिक्रियाएं, और उनके उपयोग की समझ मिलती है। यह वैज्ञानिक अध्ययन और विश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण होता है और विभिन्न विज्ञान शाखाओं, जैसे कि रासायनिक विज्ञान, जीवविज्ञान, भौतिकी, आदि, में उपयोगी होता है।

भौतिक गुणों के आधार पर पदार्थ का वर्गीकरण : 

भौतिक गुणों के आधार पर पदार्थों को निम्नलिखित वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  1. तापीय (Solid): तापीय पदार्थ स्थिर होते हैं, जिनका आकार और आकृति निश्चित होती है। इनमें कठोरता, गाढ़ापन, और आकर्षणीय बल होता है। उदाहरण के लिए, पत्थर, धातु, और कच्चा सोना तापीय पदार्थों के उदाहरण हैं।
  2. द्रव्य (Liquid): द्रव्य पदार्थ आराम से बहने या प्रवाहित होने वाले होते हैं। इनमें निरंतरता, आपसी आकर्षण, और निम्नता होती है। उदाहरण के लिए, पानी, तेल, और रसायनिक द्रवद्भूत लावा द्रव्य के उदाहरण हैं।
  3. गैस (Gas): गैस पदार्थ आकार और आकृति की कमी होते हैं और पूर्णतः प्रवाही होते हैं। इनमें दबाव, विसंगति, और अत्यधिक उत्तेजना होती है। उदाहरण के लिए, हवा, ओक्सीजन, हाइड्रोजन, और कार्बन डाइऑक्साइड गैस के उदाहरण हैं।

यह भौतिक गुणों के आधार पर पदार्थों का वर्गीकरण उनकी आपसी संबंधितता और व्यवहार के साथ सम्बंधित होता है। यह हमें पदार्थों के विभिन्न रूपों, गुणों, और उपयोग के साथ उनकी समझ में मदद करता है और विज्ञानिक अध्ययन को सुविधाजनक बनाता है।

रासायनिक गुणों के आधार पर पदार्थ का वर्गीकरण :

रासायनिक गुणों के आधार पर पदार्थों को निम्नलिखित वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  1. अम्ल (Acid): अम्ल पदार्थ तत्वों के साथ संयोजित होते हैं और अम्लीयता और अम्लीय प्रतिक्रियाएं प्रदर्शित करते हैं। उदाहरण के लिए, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सिट्रिक अम्ल, और सल्फ़्यूरिक अम्ल अम्ल पदार्थों के उदाहरण हैं।
  2. आयोनिक (Ionic): आयोनिक पदार्थ प्रोटॉन या इलेक्ट्रॉन को यथार्थ रूप से ग्रहण करने वाले होते हैं। ये पदार्थ धातुओं और अपदातुओं के रूप में पाए जाते हैं और धातुविद्युत यंत्रों, खनिजों, और अन्य विद्युतीय उपकरणों के निर्माण में उपयोग होते हैं। उदाहरण के लिए, नाइट्रेट, क्लोराइड, और सल्फेट आयोनिक पदार्थों के उदाहरण हैं।
  3. धातु (Metal): धातु पदार्थ धातुओं के आपसी आघात करने वाले होते हैं और धातुगत गुणों को प्रदर्शित करते हैं, जैसे कि मालेयण, उत्पादकता, और अच्छी चालकता। धातु पदार्थों को विभिन्न उद्योगों, यांत्रिकी, निर्माण, और इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, तांबा, सोना, और चुम्बकीय धातुएं धातु पदार्थों के उदाहरण हैं।
  4. अवयवीय (Molecular): अवयवीय पदार्थों में अणुओं के आपसी बंध द्वारा निर्मित मोलेक्यूल होती हैं। ये पदार्थ उपहारों, खाद्य औषधियों, रंग, और द्रव्यमान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग होते हैं। उदाहरण के लिए, प्लास्टिक, धातुलहरी, और एस्टर अवयवीय पदार्थों के उदाहरण हैं।

इस तरह से, रासायनिक गुणों के आधार पर पदार्थों को वर्गीकृत किया जा सकता है जो हमें उनकी संरचना, व्यवहार, और उपयोग की समझ में मदद करता है। यह रासायनिक विज्ञान और विभिन्न उद्योगों के लिए महत्त्वपूर्ण होता है।

पदार्थ (padarth) के गुण :

पदार्थ के गुण उसकी विशेषताएं हैं जो उसे अन्य पदार्थों से अलग और पहचानने योग्य बनाती हैं। विभिन्न पदार्थों के लिए अलग-अलग गुण हो सकते हैं, लेकिन यहां कुछ प्रमुख पदार्थिक गुणों का उल्लेख किया जा रहा है:

  1. रंग (Color): पदार्थ की रंग उसके प्रतिविम्बन के कारण होती है और हमारी दृष्टि के माध्यम से उसे पहचानने में मदद करती है। रंग की विभिन्न शीघ्रताओं और रंगीनताओं में अंतर हो सकता है, जो पदार्थों को एक अनूठा और चरित्रिक दिखा सकता है।
  2. गुणगत द्रव्यमान (Physical State): पदार्थ की गुणगत द्रव्यमान उसके तापमान पर आधारित होती है। ये तीन मुख्य रूपों में प्रकट हो सकती है: ठोस, तरल, और गैस। पदार्थ के गुणगत द्रव्यमान के आधार पर उसका व्यवहार और उपयोग बदल सकता है।
  3. घनत्व (Density): पदार्थ की घनत्व उसकी मात्रा में मात्रात्मक द्रव्यमान का अनुपात होती है। यह द्रव्यमान पदार्थ की संकुचितता या विस्तार को दर्शाती है और उसकी संरचना और भौतिक गुणों पर प्रभाव डाल सकती है।
  4. चिपचिपाहटा (Viscosity): चिपचिपाहटा पदार्थ की पारस्परिक अणुओं के बीच आपसी आकर्षण और अंतर्घटकता की वजह से होती है। यह उसकी विस्कोजिटी को दर्शाता है और उसकी प्रवाही गुणवत्ता और रुख को प्रभावित करता है।
  5. उबालन बिन्दु (Boiling Point): पदार्थ का उबालन बिन्दु वह तापमान होता है जिस पर वह तरल से गैसी अवस्था में परिवर्तित होता है। यह पदार्थ की प्रवाही, पकाने की क्षमता और रसायनिक प्रतिक्रियाएं प्रभावित कर सकता है।
  6. विधुत चालकता (Electrical Conductivity): पदार्थ की विधुत चालकता उसकी क्षमता को दर्शाती है जिसमें वह विधुत विद्युत को आसानी से पारित करता है। यह पदार्थ के आधार पर उसके विद्युतीय उपयोग और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की तैयारी में महत्वपूर्ण गुणवत्ता हो सकती है।

यह सिर्फ़ कुछ प्रमुख पदार्थिक गुणों की सूची है और प्रत्येक पदार्थ अपने विशिष्ट गुणों के साथ विशेष होता है। पदार्थ के गुणों का अध्ययन हमें उनके प्रकार, उपयोग, और विज्ञानिक अध्ययन की समझ में मदद करता है।

पदार्थ (padarth)की अवस्था :

पदार्थ की अवस्थाएं उसकी विभिन्न रूपों को दर्शाती हैं, जिनमें पदार्थ प्राप्त होता है और जिनमें वह मौजूद होता है। प्रमुख पदार्थिक अवस्थाएं निम्नलिखित हो सकती हैं:

  1. ठोस (Solid): ठोस अवस्था में पदार्थ के अणु या मोलेक्यूलों के बीच कम या अभाव में खाली स्थान होता है। ठोस पदार्थ ठंडे तापमान पर ठोस बना रहता है और उसका आकार और आकृति निश्चित होती है। इसमें पदार्थ के अणु या मोलेक्यूलों के बीच कम संघटन और बाधाएं होती हैं।
  2. तरल (Liquid): तरल अवस्था में पदार्थ के अणु या मोलेक्यूलों के बीच खाली स्थान की कमी होती है और वे प्रभारित होते हैं। यह पदार्थ ठंडे तापमान पर प्रवाहमय रहता है और उसका आकार आपात नियमितता में रहता है। इसमें पदार्थ के अणु या मोलेक्यूलों के बीच संघटन और बाधाएं कम होती हैं।
  3. गैस (Gas): गैस अवस्था में पदार्थ के अणु या मोलेक्यूलों के बीच खाली स्थान अधिक होता है और वे बहुत प्रभारित होते हैं। गैस पदार्थ उच्च तापमान पर आपात नियमितता में रहता है और उसका आकार और आकृति निश्चित नहीं होती है। इसमें पदार्थ के अणु या मोलेक्यूलों के बीच की संघटन और बाधाएं कम होती हैं।

ये थे प्रमुख पदार्थिक अवस्थाएं, जो पदार्थ के रूप, संरचना, और व्यवहार में अंतर प्रदर्शित करती हैं। इन अवस्थाओं के आधार पर हम पदार्थ के व्यवहार और उपयोग की समझ प्राप्त करते हैं।

ठोस पदार्थो का गुण :

ठोस पदार्थों के कई गुण हो सकते हैं जो इनकी विशेषताओं को वर्णित करते हैं। यहां कुछ मुख्य गुणों की सूची है:

  1. घनत्व: ठोस पदार्थ की घनत्व उसकी भारी प्रतीति को दर्शाती है। यह घनत्व मान घनत्व (mass density) के रूप में मापी जाती है और वस्तु की घनत्व किसी निश्चित मात्रात्मक इकाई में व्यक्त की जाती है।
  2. रंग: ठोस पदार्थ अपने आप में रंगबद्ध हो सकते हैं। यह रंग प्रकाश के उस स्पेक्ट्रल प्रतिश्रेणी के आधार पर होता है जिसे वे अवशोषित, तोड़ या प्रतिस्थापित करते हैं।
  3. मिलनसारता: ठोस पदार्थ मिलने योग्य हो सकते हैं, अर्थात् उनकी भिन्नताओं को आसानी से मिला जा सकता है। मिलने से, एक संघटक का बनावटी संरचना उत्पन्न होती है जो उनकी उपयोगिता बढ़ाती है।
  4. कठोरता: ठोस पदार्थ की कठोरता उसकी वस्तुताप और पारमाणविक संरचना के आधार पर होती है। यह एक ठोस पदार्थ के योग्यता को दर्शाती है कि वह किस मात्रात्मक इकाई में विकसित हो सकता है या क्या उसे दबाया जा सकता है।
  5. तापमान संचार: ठोस पदार्थ तापमान को आसानी से संचारित कर सकते हैं। इस गुण के अनुसार, वे उत्पन्न या ग्रहण किया गया ताप या ऊष्मा को अपनी संरचना के माध्यम से साथ ले जा सकते हैं।
  6. पारगमन क्षमता: ठोस पदार्थ पारगमन क्षमता दिखा सकते हैं, अर्थात् वे अनुमानित रूप से इकाई समय में विद्यमान दबाव के साथ आकार बदल सकते हैं।
  7. विद्युत चालकता: कुछ ठोस पदार्थ विद्युत चालकता दिखाते हैं, अर्थात् वे विद्युत धारा को आसानी से पारित कर सकते हैं।

यह एक सामान्य सूची है और विभिन्न पदार्थों में इन गुणों की विभिन्न मात्राएं होती हैं। पदार्थ के प्रकार, संरचना और उपयोग पर निर्भर करके अन्य गुण भी हो सकते हैं।

(b) द्रव: द्रव (Liquid) से हम ऐसे पदार्थों को समझते हैं जो अपनी संरचना के कारण अपनी आकृति को नहीं बना सकते और इसलिए वे उन्हें स्वतः धारित करते हैं। इन पदार्थों का अवस्थान तापमान और दबाव के संयोजन के अनुसार परिवर्तित हो सकता है। इन पदार्थों की संरचना पारमाणविक स्तर पर अधिकतर अवस्थाओं में चरम सघनता और ऊँची तापमान जैसे कारकों को उन्मुख करने की अनुमति नहीं देती है।

द्रव के कुछ मुख्य विशेषताएं शामिल हैं:

  1. आकर्षण और स्पन्दन: द्रवों की आपसी आकर्षण बाह्य बलों के कारण होती है और इससे उनमें आपसी स्पन्दन पैदा होता है। यह उन्हें उनकी आकृति बनाए रखने में सक्षम नहीं करता है।
  2. विस्कोसिटी: द्रवों की विस्कोसिटी उनकी प्रवाह क्षमता को दर्शाती है, अर्थात् वे कितना प्रभावी रूप से प्रवाहित हो सकते हैं। विस्कोसिटी उनके अणुओं की घनत्व, रंगनत्व, रंग, तापमान, और अन्य फिजिकल गुणों पर निर्भर करती है।
  3. संक्रमण: द्रवों में संक्रमण क्षमता होती है, जिसके कारण वे अपनी आपस्तिथि बदल सकते हैं। यह एक पदार्थ के बाहरी बाधाओं को पार करने और उनके बीच विस्तार करने की अनुमति देता है।
  4. घनत्व: द्रवों की घनत्व पदार्थ की भारी प्रतीति को दर्शाती है। यह घनत्व मान घनत्व (mass density) के रूप में मापी जाती है और वस्तु की घनत्व किसी निश्चित मात्रात्मक इकाई में व्यक्त की जाती है।
  5. आपूर्ति कपैसिटी: द्रवों की आपूर्ति कपैसिटी उनकी क्षमता को दर्शाती है जिससे वे अपनी आपात बंदिशों को पार कर सकते हैं। यह आपूर्ति कपैसिटी उनके संरचना और आवेश दबाव पर निर्भर करती है।

यह विशेषताएं द्रवों के मुख्य गुणों को समझने में मदद करती हैं। इन्हें व्यापारिक, वैज्ञानिक और औद्योगिक मापदंडों के आधार पर उपयोगी माना जाता है।

द्रव पदार्थ का गुण : 

द्रव पदार्थों (liquids) के कुछ मुख्य गुण होते हैं जो इनकी विशेषताओं को वर्णित करते हैं। यहां कुछ मुख्य गुणों की सूची है:

  1. प्रवाहित होने की क्षमता: द्रव पदार्थ अपनी प्रवाहित होने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। यह गुण द्रव की अवस्थानिक संरचना और विस्कोसिटी (viscosity) पर निर्भर करता है। प्रवाहित होने की क्षमता निर्धारित दबाव और ग्राविटेशनल बाधाओं के बीच पदार्थ को अपनी स्थिति में बदलने की क्षमता दर्शाती है।
  2. घनत्व: द्रव पदार्थों की घनत्व उनकी भारी प्रतीति को दर्शाती है। यह घनत्व मानघनत्व (mass density) के रूप में मापी जाती है और पदार्थ की घनत्व किसी निश्चित मात्रात्मक इकाई में व्यक्त की जाती है।
  3. आपूर्ति कपैसिटी: द्रव पदार्थों की आपूर्ति कपैसिटी उनकी क्षमता को दर्शाती है जिससे वे अपनी आपात बंदिशों को पार कर सकते हैं। यह कपैसिटी प्रयोगिता और दबाव पर निर्भर करती है।
  4. तापमान संचार: द्रव पदार्थ तापमान को आसानी से संचारित कर सकते हैं। इस गुण के अनुसार, वे उत्पन्न या ग्रहण किया गया ताप या ऊष्मा को अपनी संरचना के माध्यम से साथ ले जा सकते हैं।
  5. आपसी आकर्षण: द्रव पदार्थों के अणु आपस में आकर्षण का अनुभव करते हैं। यह आकर्षण उनकी विलयन और तरंगणीयता (capillarity) को प्रभावित करता है।
  6. संक्रमण क्षमता: द्रव पदार्थ वायुयामी हो सकते हैं, अर्थात् वे अपनी आपात बंदिशों को पार करके अपनी आकृति को बदल सकते हैं।
  7. रंग: द्रव पदार्थ अपनी स्वतंत्र रंग विशेषता के कारण अपने आप में रंगबद्ध हो सकते हैं।

यह एक सामान्य सूची है और विभिन्न पदार्थों में इन गुणों की विभिन्न मात्राएं होती हैं। पदार्थ के प्रकार, संरचना और उपयोग पर निर्भर करके अन्य गुण भी हो सकते हैं।

(c) गैस : गैस (Gas) से हम उन पदार्थों को समझते हैं जो अपनी संरचना के कारण निर्धारित आकार और आकृति में नहीं होते हैं और वे अपनी आवेशित बाधाओं को पार करने की क्षमता रखते हैं। गैस में अणुओं के बीच बहुत बड़ी रिक्त स्थान होता है, जिससे इन पदार्थों की प्रवाहित होने की क्षमता बढ़ जाती है।

गैस के कुछ मुख्य विशेषताएं शामिल हैं:

  1. प्रवाहित होने की क्षमता: गैस पदार्थों की प्रवाहित होने की क्षमता उनकी बाधाओं को पार करने और उनके बीच प्रवाहित होने की क्षमता दर्शाती है। यह क्षमता गैस के घनत्व, दबाव, और तापमान पर निर्भर करती है।
  2. घनत्व: गैस पदार्थों की घनत्व बहुत कम होती है और उनका घनत्व मानघनत्व (mass density) के रूप में मापा जाता है। इन पदार्थों की घनत्व कम होने के कारण, वे हवा में हल्के होते हैं और आकार और आकृति को बदलने की क्षमता रखते हैं।
  3. विस्कोसिटी: गैसों की विस्कोसिटी अत्यंत कम होती है, यानी वे प्रवाहित होने के लिए बहुत पारदर्शी होते हैं। विस्कोसिटी गैस के अणुओं की वेग प्रतिरोधकता पर प्रभाव डालती है।
  4. उच्च वायुमयता: गैस पदार्थ उच्च वायुमयता या अविचलनीयता (compressibility) दिखाते हैं। इसका मतलब है कि उनके आकार और आकृति में परिवर्तन हो सकता है जब उन पर दबाव लागता है।
  5. गैस का अणुगत संक्रमण: गैस पदार्थ में अणुओं के बीच आपसी आकर्षण नजर आता है और इससे उनमें संक्रमण क्षमता होती है। इसके परिणामस्वरूप, गैस अपनी आवेशित बाधाओं को पार करने की क्षमता रखते हैं।
  6. आपात बंदिशों के पार: गैसों को आपात बंदिशों को पार करने की क्षमता होती है, जैसे उनकी आपूर्ति कपैसिटी (supply capacity) और प्रवाहित होने की क्षमता आदि।

यह विशेषताएं गैस पदार्थों के मुख्य गुणों को समझने में मदद करती हैं। इन गुणों के अलावा, गैस की आपूर्ति, गुणवत्ता, गतिशीलता, गैस के अणुओं की तेज़ी, गैस के अवयवों के संयोजन आदि अन्य महत्वपूर्ण गुण भी हो सकते हैं।

गैसीय पदार्थ (padarth) का गुण :

गैसीय पदार्थ (Gaseous substances) का मुख्य गुण होता है कि वे अपनी संरचना के कारण निर्धारित आकार और आकृति में नहीं होते हैं और उनकी आपात बंदिशों को पार करने की क्षमता होती है। गैसीय पदार्थों की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हो सकती हैं:

  1. प्रवाहित होने की क्षमता: गैसीय पदार्थों की प्रवाहित होने की क्षमता उनकी बाधाओं को पार करने और उनके बीच प्रवाहित होने की क्षमता दर्शाती है। यह क्षमता गैस के दबाव, तापमान और घनत्व पर निर्भर करती है।
  2. घनत्व: गैसीय पदार्थों की घनत्व बहुत कम होती है और उनका घनत्व मानघनत्व (mass density) के रूप में मापा जाता है। इसके कारण, गैस आकार और आकृति को बदलने की क्षमता रखते हैं।
  3. उच्च वायुमयता: गैसीय पदार्थों की उच्च वायुमयता या अविचलनीयता (compressibility) होती है, जिसका मतलब है कि उनके आकार और आकृति में परिवर्तन हो सकता है जब उन पर दबाव लागता है।
  4. गैस का अणुगत संक्रमण: गैसीय पदार्थ में अणुओं के बीच आपसी आकर्षण नजर आता है और इससे उनमें संक्रमण क्षमता होती है। यह क्षमता गैस को आपात बंदिशों को पार करने की अनुमति देती है।
  5. उच्च वायुयामिता: गैसीय पदार्थों में वायुयामिता या वायुमयता (mobility) अत्यधिक होती है। इससे गैस आसानी से अपनी आपात बंदिशों को पार कर सकते हैं और विस्तारित हो सकते हैं।
  6. गैस का गतिशीलता: गैसीय पदार्थ अपनी आपात बंदिशों को पार करने के साथ गतिशील होते हैं। इसका परिणामस्वरूप, उन्हें बाधाओं को आसानी से अपनी आकृति और आकार में बदलने की क्षमता होती है।

यह विशेषताएं गैसीय पदार्थों के मुख्य गुणों को समझने में मदद करती हैं। गैस की अन्य विशेषताएं, जैसे तापमान संचार, गैस के अवयवों के संयोजन, अणुगतता, गुणवत्ता, उच्च तापमान पर बहाव, रंग, ध्वनि आदि भी हो सकती हैं।

 पदार्थ  का  द्रव्यमान : 

पदार्थ (Substance) का द्रव्यमान (Mass) उसकी मात्रा या भार होता है। द्रव्यमान एक पदार्थ की मात्रात्मक विशेषता होती है और सामान्यतः किलोग्राम (Kilogram) या ग्राम (Gram) में मापा जाता है। द्रव्यमान एक पदार्थ की संख्यात्मक मात्रा दर्शाता है जो उसके अणु, मोलेक्यूल, या भौतिक संरचना के संबंध में होती है।

द्रव्यमान पदार्थ के प्रमुख गुणों में से एक होता है और इसका मापन और मापन इकाइयों के माध्यम से किया जाता है। इसका उपयोग वैज्ञानिक और औद्योगिक गणित में, वस्त्रों, यांत्रिकी, भौतिकी, रसायन विज्ञान, ग्रह विज्ञान, आदि में किया जाता है।

विभिन्न पदार्थों का द्रव्यमान अलग-अलग हो सकता है और यह पदार्थ के प्रकार, संरचना, और उपयोग पर निर्भर करता है। कुछ उदाहरण दिए जाते हैं:

  1. पानी (Water) का द्रव्यमान: पानी का एक आम द्रव्यमान करीब 1 ग्राम प्रति सेंटीमीटर क्यूबिक (g/cm³) होता है।
  2. हीलियम (Helium) का द्रव्यमान: हीलियम गैस का द्रव्यमान बहुत हल्का होता है, लगभग 0.0001785 ग्राम प्रति सेंटीमीटर क्यूबिक (g/cm³) या 0.1785 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (kg/m³) के आसपास होता है।
  3. चालकता (Mercury) का द्रव्यमान: चालकता का एक आम द्रव्यमान 13.6 ग्राम प्रति सेंटीमीटर क्यूबिक (g/cm³) होता है।
  4. लोहा (Iron) का द्रव्यमान: लोहे का द्रव्यमान करीब 7.87 ग्राम प्रति सेंटीमीटर क्यूबिक (g/cm³) होता है।

इस तरह से, प्रत्येक पदार्थ का अपना विशिष्ट द्रव्यमान होता है, जिसे उसकी मात्रात्मक विशेषता के रूप में मापा जाता है।

रासायनिक आधार पर पदार्थ का वर्गीकरण की व्याख्या :

रासायनिक आधार पर पदार्थ का वर्गीकरण विज्ञान में महत्वपूर्ण है। यह विज्ञान माध्यम से पदार्थों को वर्गीकृत करता है ताकि हम उन्हें बेहतर ढंग से समझ सकें और उनके गुणों, संरचना, और प्रवृत्तियों को अध्ययन कर सकें। पदार्थों के वर्गीकरण को “रासायनिक वर्गीकरण” भी कहा जाता है।

रासायनिक वर्गीकरण के लिए पदार्थों को मूल्यांकन के लिए कई विभाजनों में संयोजित किया जाता है। यह विभाजन आमतौर पर पदार्थों की विशेषताओं, रासायनिक संरचना, और उनकी प्रवृत्तियों पर आधारित होता है। पदार्थों को ये विभाजन उनके प्राथमिक गुणों, आणविक संरचना, यौगिक संघटन, रासायनिक प्रतिक्रियाओं, और उपयोगों के अनुसार संगठित करते हैं।

इस वर्गीकरण प्रणाली में पदार्थों को तत्व (Element), यौगिक (Compound), मिश्रण (Mixture), उपयोग (Application) आदि के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है। कुछ महत्वपूर्ण वर्ग इस प्रकार हो सकते हैं:

  1. तत्व (Elements): तत्व पदार्थ होते हैं जिन्हें एक ही प्रकार के अणुओं से मिलाकर बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन (Hydrogen), हेलियम (Helium), ऑक्सीजन (Oxygen) आदि।
  2. यौगिक (Compounds): यौगिक पदार्थ होते हैं जिन्हें दो या अधिक तत्वों के आणविक संयोजन से बनाया जाता है। ये संयोजन रासायनिक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से होता है। उदाहरण के लिए, पानी (Water, H2O), कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide, CO2), सोडियम क्लोराइड (Sodium Chloride, NaCl) आदि।
  3. मिश्रण (Mixtures): मिश्रण पदार्थ होते हैं जो दो या अधिक तत्वों के फिजिकली मिलने से बने होते हैं और जिनमें तत्वों की पृथक्करण संभव होती है। मिश्रण विचारशील होते हैं और उनमें तत्वों की अनुपस्थिति या विचारशीलता हो सकती है। उदाहरण के लिए, वायु (Air) जो विभिन्न गैसों का मिश्रण है, सागरीय पानी (Seawater) जिसमें पानी और यथार्थ मिश्रण होता है।
  4. उपयोग (Applications): पदार्थों को उनके उपयोगों के आधार पर भी वर्गीकृत किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, औद्योगिक पदार्थ, वानिज्यिक पदार्थ, औषधीय पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक पदार्थ आदि।

इस रूप में, रासायनिक वर्गीकरण के माध्यम से पदार्थों को अधिक व्यापक और सुसंगत ढंग से समझा जाता है ताकि हम उनके बारे में गहराई से अध्ययन कर सकें और उनका उपयोग विभिन्न वैज्ञानिक और औद्योगिक क्षेत्रों में कर सकें।

निष्कर्ष : इस  पोस्ट में पदार्थ किसे कहते है । padarth kise kahate hain, पदार्थ का वर्गीकरण, एंव पदार्थ से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की जानकारी का उल्लेख किया हूँ । यदि इस प्रकार की जानकारी को पढ़ने के बाद किसी भी प्रकार की क्वेश्चन आती है । तो बेहिचक हमसे संपर्क कर सकते है । उसका रिप्लाई हम जल्द से जल्द देने की कोशिस करेंगे ।

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