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what is magnet : चुम्बक क्या है । चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एंव इसके गुण

what is magnet

MAGNET (मैग्नेट) एक विज्ञानिक उपकरण है जो धातु या विद्युत चुंबकों के माध्यम से उत्पन्न होता है। धातु चुंबक का एक प्रमुख उदाहरण आयरन (लोहा) होता है, जबकि विद्युत चुंबक विद्युतीय वर्तमान या चुंबकीय फ़ील्ड के कारण उत्पन्न होता है।

धातु चुंबकों को “आकर्षक” या “अचेतक” उत्पन्न करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इनमें नॉर्थ पोल और साउथ पोल होते हैं जो एक दूसरे को आकर्षित करते हैं और समान पोल वाले मैग्नेट के बीच में अस्थिरता उत्पन्न करते हैं। मैग्नेट्स विभिन्न आकार, आकार और प्रभावशीलता में उपलब्ध होते हैं और इसलिए विभिन्न उपयोगों के लिए उपयोगी होते हैं।

मैग्नेट्स कई उपयोगों के लिए प्रयोग होते हैं, जैसे कि विद्युत जनरेटर, मोटर, लाइटिंग, स्पीकर्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आदि। वे आर्थिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं और हमारे दैनिक जीवन के अनेक पहलुओं में मदद करते हैं।

चुंबक का ध्रुव :

चुंबक के ध्रुव के विभिन्न प्रकार होते हैं: उत्तरी ध्रुव (North Pole) और दक्षिणी ध्रुव (South Pole)। इन ध्रुवों को आकर्षक या अचेतक ध्रुवों के रूप में भी जाना जाता है।

उत्तरी ध्रुव (North Pole) ध्रुव चुंबक एक मार्गदर्शक होता है और दक्षिणी ध्रुव (South Pole) ध्रुव चुंबक के प्रतिरोधी होता है। जब दो मैग्नेट्स आपस में मिलते हैं, तो एक मैग्नेट के उत्तरी ध्रुव दूसरे मैग्नेट के दक्षिणी ध्रुव को आकर्षित करता है और उत्तरी ध्रुव एकत्रित होते हैं। विपरीत ध्रुवों के बीच आपसी आकर्षण होती है, जबकि समान ध्रुवों के बीच आपसी विपरीतता होती है और वे अस्थिर होते हैं।

यदि चुंबक का ध्रुव कोई निर्धारित पोल नहीं रखता हो, तो उसे एक “ध्रुवहीन चुंबक” कहा जाता है। इस प्रकार के चुंबक सामान्य रूप से अचेतक होते हैं और इनका माग्नेटिक विद्युत फ़ील्ड सब ओर में समान रूप से प्रसारित होता है।

what is magnet:चुम्बकीय अक्ष

चुंबकीय अक्ष (Magnetic Axis) चुंबक के अंतर्निहित ध्रुवीय प्रवृत्ति को दर्शाने वाली रेखा होती है। यह अक्ष चुंबक के भीतरी संरचना में स्थित होती है और दोनों ध्रुवों (उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव) के बीच से होती हुई निकलती है।

चुंबकीय अक्ष उस रेखा की दिशा को दर्शाती है जिसमें चुंबक के आंतरिक विद्युतीय व्यवहार या मैग्नेटिक फ़ील्ड के कारण विद्युत ध्रुवों के स्थान बदलते हैं। चुंबकीय अक्ष चुंबक के संरचना के बाहर निकलती हुई नहीं देखी जाती है, लेकिन यह चुंबकीय विद्युत विमान के लिए महत्वपूर्ण होती है जो कंपास या चुंबकीय नेविगेशन में उपयोग होते हैं।

चुंबकीय अक्ष और चुंबकीय ध्रुव एक-दूसरे के साथ संबद्ध होते हैं। जब एक चुंबक गतिशील होता है, तो चुंबकीय अक्ष ध्रुवीय बदलाव के साथ घूरने लगती है। इस प्रकार, चुंबकीय अक्ष चुंबक की दिशा की प्रतीति कराती है और मदद करती है उपयुक्त दिशा का पता लगाने में ।

चुम्बकीय पदार्थ का प्रकार :

  1. धातु चुंबक (Ferromagnetic Material): ये पदार्थ जैसे कि लोहा (आयरन), निकेल, कोबाल्ट आदि चुंबकीय गुणों के संपन्न होते हैं। इन पदार्थों को आकर्षण और अचेतनता की खासता होती है, और वे मजबूत चुंबकीय विद्युतीय फ़ील्ड का उत्पन्न कर सकते हैं।
  2. पैरामैग्नेटिक पदार्थ (Paramagnetic Material): इन पदार्थों में चुंबकीय गुण कम होते हैं, लेकिन वे अचेतनता दिखा सकते हैं जब वे एक बाहरी मैग्नेटिक फ़ील्ड के प्रभाव में होते हैं। उदाहरण के रूप में, जिंक और आलू पैरामैग्नेटिक पदार्थों के उदाहरण हैं।
  3. डायमैग्नेटिक पदार्थ (Diamagnetic Material): ये पदार्थ चुंबकीय गुण की कमी रखते हैं और उनमें आचेतनता भी कम होती है। जब इन पदार्थों को एक बाहरी मैग्नेटिक फ़ील्ड के प्रभाव में रखा जाता है, तो वे उस फ़ील्ड के विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया दिखाते हैं। उदाहरण के रूप में, कार्बन और शीशे डायमैग्नेटिक पदार्थों के उदाहरण हैं।

ये केवल कुछ प्रमुख चुंबकीय पदार्थों के उदाहरण हैं, जबकि और भी विभिन्न पदार्थों में चुंबकीय गुण पाए जाते हैं, जैसे कि फेराइट, गैडोलिनियम, निश्चल चुंबकीय तरल (Ferrofluid) आदि।

चुम्बकीय क्षेत्र एंव चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ: 

चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) वातावरण में विद्युत चुंबक द्वारा प्रभावित की जाने वाली क्षेत्र होता है। चुंबकीय क्षेत्र की मात्रा या विलयन प्रभाव की स्थिति तकनीकी परमीटर के आधार पर निर्धारित की जाती है। यह एक व्यापक क्षेत्र होता है जो चुंबक के आसपास व्याप्त होता है और उसके आसपासी क्षेत्र में विद्युत चालकता या ध्रुवीय प्रवर्तन को प्रभावित करता है।

चुंबकीय क्षेत्र को एक चुंबक के आसपास तीन आयामों में प्रदर्शित किया जा सकता है: अकार्यक्षेत्र (Magnetic Field Intensity), चुंबकीय बल (Magnetic Force), और चुंबकीय विद्युतीय भौतिक (Magnetic Flux Density)। चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं (Magnetic Field Lines) इन आयामों को दर्शाने के लिए प्रयुक्त की जाती हैं।

चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं चुंबक के चारों ओर तथा उसकी प्रवृत्ति के आधार पर चित्रित की जाती हैं। ये रेखाएं चुंबक के प्रतिरोधी ध्रुवों (North Pole और South Pole) के बीच एकदिशीय होती हैं। चुंबक के उत्तरी ध्रुव (North Pole) से दक्षिणी ध्रुव (South Pole) की ओर जाती हैं।

चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं एक संकेतिक तरीके से चुंबकीय क्षेत्र की दिशा और प्रभाव को प्रदर्शित करती हैं। इन रेखाओं में, प्रत्येक रेखा एक दूसरे के समानुपाती दूरी पर एक दूसरे के पासी चुंबकीय प्रभाव को दर्शाती है। जोड़ीदा चुंबकों की विद्युत प्रभावीता के आधार पर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं घुमावदार या अविस्मरणीय हो सकती हैं।

चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं चुंबकीय तरंगों की दिशा, प्रभाव और विद्युत चुंबकीय विमान के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। इन रेखाओं के माध्यम से हम चुंबकीय प्रभाव की दिशा और प्रवृत्ति को समझ सकते हैं।

what is magnet:चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ का गुण: 

चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं (Magnetic Field Lines) के निम्नलिखित गुण होते हैं:

  1. प्रवृत्ति को प्रदर्शित करती हैं: चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं चुंबक के प्रवृत्ति को प्रदर्शित करती हैं। यह दिखाती है कि चुंबकीय क्षेत्र कैसे प्रभावित होता है और उसकी दिशा क्या होती है।
  2. आकर्षण और अस्थिरता का प्रदर्शन करती हैं: चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं दिखाती हैं कि दो विभिन्न चुंबकीय ध्रुवों के बीच किस प्रकार की आकर्षण और अस्थिरता होती है। इसके माध्यम से हम चुंबकीय आकर्षण के स्थानों को प्रतिष्ठित कर सकते हैं।
  3. चुंबकीय विद्युतीय विमान की पथ प्रदर्शित करती हैं: चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं विद्युतीय विमान के लिए पथ के रूप में कार्य करती हैं। विद्युतीय विमान की दिशा और प्रभाव को दर्शाने के लिए इन रेखाओं का उपयोग किया जाता है।
  4. माध्यमिक और आंतरणीय पदार्थों की व्यवस्था प्रदर्शित करती हैं: चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं दिखाती हैं कि कैसे माध्यम और आंतरणीय पदार्थ चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं। इसके माध्यम से हम चुंबकीय क्षेत्र की प्रभावशीलता और आंतरणीय पदार्थों की संरचना को समझ सकते हैं।

चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं चुंबकीय प्रभाव के स्थानों और उनकी प्रवृत्ति को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती हैं। ये रेखाएं चुंबकीय विद्युतीय विमान के लिए महत्वपूर्ण हैं और उनके द्वारा हम चुंबकीय प्रभाव की अध्ययन कर सकते हैं।

विधुत- धारा, चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न का कारण: 

विद्युत-धारा (Electric Current) और चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) एक-दूसरे के बीच गहरा संबंध रखते हैं और एक दूसरे का प्रभावित कारण होते हैं। विधुत-धारा के द्वारा उत्पन्न होने वाला मेंगनेटिक फ़ील्ड चुंबकीय क्षेत्र के उत्पन्न होने का कारण है।

विधुत-धारा या चुंबकीय प्रवाह (Electric Current) जब कोई विद्युत चालक माध्यम के माध्यम से प्रवाहित होती है, तो उसके परिणामस्वरूप चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। इसका कारण है कि विधुत-धारा में आंतरणीय चुंबकीय भौतिक प्रभाव उत्पन्न होता है।

फराडे का विधुत-धारा के अनुसार, विधुत-धारा के प्रवाहित होने पर परिवर्तनशील चुंबकीय फ़ील्ड (Electromagnetic Field) उत्पन्न होता है। यह चुंबकीय फ़ील्ड विधुत-धारा के परिवर्तन दर के अनुसार प्रवाहित होता है और उसके चारों ओर एक घूर्णन द्वारा दिखाई देता है। यह घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के रूप में देखी जा सकती हैं।

इस तरह, विधुत-धारा द्वारा उत्पन्न होने वाले चुंबकीय क्षेत्र का कारण होता है क्षेत्र के चारों ओर प्रवाहित विद्युत-धारा और उसकी प्रवृत्ति के परिवर्तन का परिणामस्वरूप चुंबकीय फ़ील्ड का उत्पन्न होना। यह एक संघर्षित और एक दूसरे के प्रति संवेदनशील गुणों को प्रकट करता है और इसे विद्युत-चुंबकीय अचेतनता की व्याख्या भी की जाती है ।

परिनालिका के कारण चुम्बकीय क्षेत्र :    

परिनालिका (Circuit) द्वारा चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) का उत्पन्न होना एक प्रमुख कारण है। चुंबकीय क्षेत्र परिनालिका में प्रवाहित होने वाली विद्युत-धारा (Electric Current) के परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है।

जब विद्युत-धारा परिनालिका में प्रवाहित होती है, तो इसमें धारक पदार्थ के चालकतामक विद्युत चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न होता है। इस प्रभाव के कारण चुंबकीय क्षेत्र परिनालिका के आसपास उत्पन्न होता है।

चुंबकीय क्षेत्र का उत्पन्न होना एक मार्गदर्शक कानून के अनुसार होता है, जिसे एम्पेर का संधारित कानून कहा जाता है। यह कानून कहता है कि विद्युत-धारा के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाला चुंबकीय विद्युतीय विमान परिनालिका के चारों ओर वृत्ताकार रूप में प्रसारित होता है।

इस तरह, परिनालिका में विद्युत-धारा के व्यापक प्रवाह के कारण चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। इसके आधार पर हम परिनालिका के प्रभावी क्षेत्र को निर्धारित कर सकते हैं और चुंबकीय प्रभाव को विश्लेषण कर सकते हैं। इसलिए, परिनालिका का उपयोग विद्युत-धारा और चुंबकीय प्रभाव के अध्ययन में महत्वपूर्ण होता है।

magnetic effect of electric current: विधुत चुम्बक 

विद्युत चुंबक (Electric Magnet) एक प्रकार का चुंबक होता है जो विद्युतीय विमान (Electromagnetic Device) द्वारा उत्पन्न होता है। इसे एक धारण चुंबक (Electromagnet) भी कहा जाता है। विद्युत चुंबक विद्युतीय धारा (Electric Current) के पास उपयोग होने वाले विद्युतीय बाधाएँ (Magnetic Field) उत्पन्न करने के लिए बनाया जाता है।

विद्युत चुंबक का निर्माण करने के लिए एक धातुग्राहकीय कोर (Magnetic Core) का उपयोग किया जाता है, जो आकर्षण और प्रतिक्रिया में बढ़ोतरी करने में सहायता करता है। विद्युतीय धारा को कोइल (Coil) या सोलनॉयड (Solenoid) में लपेटा जाता है, जो कुछ मोटे या पतले धातुग्राहकीय धारकों के साथ जुड़ा होता है। जब विद्युतीय धारा पास करती है, तो विद्युत चुंबक में चुंबकीय बाधा उत्पन्न होती है।

विद्युत चुंबकों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। ये चुंबक उदाहरण के रूप में इलेक्ट्रोमैग्नेट (Electromagnet) के रूप में घड़ियाँ, विद्युत मोटर (Electric Motor), जनरेटर (Generator), इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लॉक (Electromagnetic Lock), इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेलवे (Electromagnetic Railway) और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सीपीयू (Electromagnetic CPUE) में देखे जा सकते हैं।

विद्युत चुंबक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं और उनका उपयोग विद्युतीय उपकरणों और मशीनरी को विद्युतीय चालकता और चुंबकीय प्रभाव के साथ प्रभावी बनाने में किया जाता है।

what is magnet:धारावाही चालक पर चुम्बकीय क्षेत्र का प्रभाव 

धारावाही चालक (Conducting Wire) के अंदर से गुजरती विद्युतीय धारा (Electric Current) चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) को प्रभावित करती है। विद्युतीय धारा के चालित होने के कारण, धारावाही चालक के आसपास एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।

धारावाही चालक में विद्युतीय धारा की प्रवाह से उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग बाहरी परिणामों और प्रभावों को समझने में किया जाता है। यह क्षेत्र आपात धारावाही चालक के चारों ओर विद्युतीय धारा के साथ एक पूर्ण वृत्ताकार क्षेत्र रूप में प्रदर्शित होता है।

विद्युतीय धारा चालक के चालकतामक पदार्थों में विद्यमान चालकों के आसपास एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। यह चुंबकीय क्षेत्र परिनालिका के आधार पर चुंबकीय विमान बनाता है, जिसके प्रभाव से परिणामस्वरूप विद्युतीय बाधा (Magnetic Force) उत्पन्न होती है। इस प्रभाव के कारण, धारावाही चालक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र में एक बाहरी प्रभाव पाया जा सकता है।

इस तरह, धारावाही चालक में विद्युतीय धारा के प्रवाह के कारण चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। यह क्षेत्र चुंबकीय बाधा को प्रदर्शित करता है और इसे विद्युतीय उपकरणों, संयंत्रों और प्रयोगों में उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष:  दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट में हमने चुम्बक, what is magnet,चुम्बक का ध्रुव, चुम्बकीय क्षेत्र, चुम्बकीय क्षेत्र एंव  रेखाएँ , चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ का गुण, विधुत धारा एंव चुम्बकीय क्षेत्र रहने  का गुण, परिनालिका के कारण चुम्बकीय क्षेत्र, विधुत चुम्बक, धारावाही चालक पर चुम्बकीय क्षेत्र का प्रभाव इत्यादि  के  बारे में  बताने की  कोशिस  किये  है ।

यदि इसे पढ़ने  के बाद  किसी भी प्रकार की क्वेश्चन  बनती  है । तो बेहिचक  हमसे  कमेंट के माध्यम  से  संपर्क करे । उसका रिप्लाई  हम  जल्द  से जल्द  देने  की कोशिस करेंगे ।

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22 thoughts on “what is magnet : चुम्बक क्या है । चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एंव इसके गुण”

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